A RARE HANUMAD-ASHTOTTARAM
(As found in R. Visvanatha Sastri’s note-books by V. Krishnamurthy)
Note: This ashtottara is rare in the sense I have not seen it anywhere in print or in the knowledge of anybody whom I know. It cannot be an original composition of my father since he has not mentioned it so. I have seen him use it in his puja and I have myself been using it ever since.
(For the English transliteration, go to next page)
ॐ श्री हनूमते नमः
ॐ अभूत-पूर्व डिम्भश्रिये नमः
ॐ अञ्जना-गर्भ-संभवाय नमः
ॐ नभस्वद्-वर-संप्राप्ताय नमः
ॐ दीप्त-कालाग्नि-सन्निभाय नमः
ॐ भून-भोत्तर-भिन्नाद-स्फुरद्-गिरि-गुहामुखाय नमः
ॐ भानु-बिम्ब-फलोत्साहाय नमः
ॐ फलायित-विदुन्तुदाय नमः
ॐ ऐरावण-ग्रह-व्यग्राय नमः
ॐ कुलिश-ग्रसनोन्मुखाय नमः
ॐ सुरासुर-युधाभेद्याय नमः 10
ॐ चैत्य-भेदिने नमः
ॐ परोदयाय नमः
ॐ हनूमते नमः
ॐ अति-विख्याताय नमः
ॐ प्रख्यात-बल-पोरुषाय नमः
ॐ शिखावते नमः
ॐ रत्न-मञ्जीराय नमः
ॐ स्वर्ण-पट्टोत्तरच्चदाय नमः
ॐ विद्युद्-वलय-यज्ञोपवीतिने नमः
ॐ द्युमणि-कुण्डलाय नमः 20
ॐ हेम-मोञ्जी-समाबद्धाय नमः
ॐ शुद्ध-जाम्बूनद-प्रभाय नमः
ॐ कणत्-कौपीन-पटवते नमः
ॐ वटु-शिखाग्रण्यै नमः
ॐ सिम्ह-सम्हननाकाराय नमः
ॐ तरुणार्क-निभाननाय नमः
ॐ वशीबन्धी-कृत-मनसे नमः
ॐ तप्त-चामीकरेक्षणाय नमः
ॐ वज्र-देहाय नमः
ॐ वज्र-नखाय नमः 30
ॐ वज्र-संस्पर्श-वालधिये नमः
ॐ अव्याहत-मनोवेगाय नमः
ॐ हरिदश्व-रथानुगाय नमः
ॐ सारग्रहण-चातुर्याय नमः
ॐ शब्द-ब्रह्मैक-पारगाय नमः
ॐ पंपावन-चराय नमः
ॐ वाग्मिने नमः
ॐ राम-सुग्रीव-सख्य-कृते नमः
ॐ स्वामि-मुद्राङ्कित-कराय नमः
ॐ क्षितिजान्वेषणोद्यमाय नमः 40
ॐ स्वयंप्रभा-समालोकाय नमः
ॐ बिल-मार्ग-विनिर्गमाय नमः
ॐ अंबोधि-दर्शनोद्विग्न-मानसाङ्गद-सैनिकाय नमः
ॐ प्रायोपविष्ट-प्लवग-प्राणत्राण-परायणाय नमः
ॐ अदेव-दानव-गतये नमः
ॐ अप्रतिद्वन्द्व-साहसाय नमः
ॐ स्ववेग-संभव-जंझा-मरुद्रोणी-कृतार्णवाय नमः
ॐ सागर-स्मृत-वृत्तान्त-मैनाक-कृत-सौहृदाय नमः
ॐ अणोरणीयसे नमः
ॐ महतो महीयसे नमः 50
ॐ सुरसार्थिताय नमः
ॐ त्रिंशद्-योजन-पर्यन्त-छायच्छाया-ग्रहान्तकाय नमः
ॐ लङ्काहकार-शमनाय नमः
ॐ शङ्कातङ्क-विवर्जिताय नमः
ॐ हस्तामलकवद्-दृष्ट-राक्षसान्तः-पुराखिलाय नमः
ॐ चिन्ता-दुरन्त-वैदेही-संवादाय नमः
ॐ सफल-श्रमाय नमः
ॐ मैथिली-दत्त-माणिक्याय नमः
ॐ छिन्नाशोक-वन-द्रुमाय नमः
ॐ बलैकदेश-क्षपणाय नमः 60
ॐ कुमाराक्ष-निषूदनाय नमः
ॐ घोषित-स्वामि-विजयाय नमः
ॐ तोरणारोहणोत्सुकाय नमः
ॐ रण-रङ्ग-समुत्साहाय नमः
ॐ रघु-वंश-जयध्वजाय नमः
ॐ इन्द्रजिद्-युद्ध-निर्भिण्णाय नमः
ॐ ब्रह्मास्त्र-परिरंभणाय नमः
ॐ प्रभाषित-दश-ग्रीवाय नमः
ॐ भस्मसात्-कृत-पट्टनाय नमः
ॐ वार्धि-संशान्त-वालार्चिषे नमः 70
ॐ कृत-कृत्याय नमः
ॐ उत्तमोत्तमाय नमः
ॐ कल्लोलास्फाल-वेलान्त-पारावार-परिभ्रमाय नमः
ॐ स्वागमा-कांक्षिकीचोद्याय नमः
ॐ सुहृत्-तारेन्दु-मण्डलाय नमः
ॐ मधु-कानन-सर्वस्व-संतर्पित-बलीमुखाय नमः
ॐ दृष्टा सितेति वचनाय नमः
ॐ कोसलेन्द्राभिनन्दिताय नमः
ॐ स्कन्दस्थ-कोदण्ड-धराय नमः
ॐ कल्पान्त-घन-निस्वनाय नमः 80
ॐ सिन्धु-बन्धन-सन्नाहाय नमः
ॐ सुवेलारोह-संभ्रमाय नमः
ॐ अक्षोभ्य-बल-संरुद्ध-लङ्का-प्राकार-गोपुराय नमः
ॐ युध्यद्-वानर-दैतेय-जयापजय-साधनाय नमः
ॐ राम-रावण-शस्त्रास्त्र-ज्वालाज्वाल-निरीक्षणाय नमः
ॐ मुष्टि-निर्भिण्ण-दैतेन्द्र-मुहुस्तुत-नभश्चराय नमः
ॐ जाम्बवन्-नुति-संहृष्ट-समाक्रान्त-नभ-स्थलाय नमः
ॐ गन्धर्व-गर्व-विध्वंसिने नमः
ॐ वश्य-दिव्यौषधी-नगाय नमः
ॐ सौमित्रि-मूर्चा-रजनि-प्रत्यूषस्-तुष्ट-वासराय नमः 90
ॐ रक्षस्-सेनाब्दि-मथनाय नमः
ॐ जय-श्री-दान-कौशलाय नमः
ॐ सैन्य-संत्रास-विक्रमाय नमः
ॐ हर्ष-विस्मित-भूपुत्री-जय-वृत्तान्त-सूचकाय नमः
ॐ राघवी-राघवारूढ-पुष्पकारोह-कौतुकाय नमः
ॐ प्रिय-वाक्-तोषित-गुहाय नमः
ॐ भरतानन्द-सौहृदाय नमः
ॐ श्री सीताराम-पट्टाभिषेक-संभार-संभ्रमाय नमः
ॐ काकुत्स्थ-दयिता-दत्त-मुक्ताहार-विराजिताय नमः
ॐ अमोघ-मन्त्र-यन्त्रौघ-स्फुट-निर्धूत-कल्मषाय नमः 100
ॐ भजत्-किंपुरुष-द्वीपाय नमः
ॐ भविष्यत्-पद्म-संभवाय नमः
ॐ आपदुत्तार-चरणाय नमः
ॐ फाल्गुन-सखिने नमः
ॐ श्री राम-चरण-सेवा-धुरन्धराय नमः
ॐ शीघ्राभीष्ट-फल-प्रदाय नमः
ॐ वरद-वीर-हनूमते नमः
ॐ श्री आञ्जनेय-स्वामिने नमः१०८